औकात मत देख मेरी !!
हस्ते हस्ते ले लूंगा तेरी !!
घमंड नहीं मुझे खुद पर !!
बस कुछ रिश्तो ने खामोश रहना सिखा दिया !!
घमंड नहीं मुझे खुद पर !!
बस कुछ रिश्तो ने खामोश रहना सिखा दिया !!
matlabi log shayari
अपने किरदार का किरायदार कभी गुरूर को मत बनाना !!
नहीं तो तुम उसके नहीं वो तुम्हारा मालिक बन जाएगा !?
ज़रूरत तोड़ देती हैं इंसान के घमंड को !!
अगर न होती मजबूरी तो हर बंदा खुदा होता !!
मुझे तलाश है जो मेरी रुह से प्यार करे !!
वरना इन्सान तो पैसों से भी मिल जाया करते हैं !!
Matlabi Shayari In Hindi
मैंने उनका गुरूर कुछ ऐसे तोड़ दिया !!
आँखों को चूमा उनकी और होठों को छोड़ दिया !!
लगता है तुमने खुद को मेरी नजरो से देख लिया !!
तभी तो इतना घमण्ड लिए घूम रहे हो !!
उनके जेहन में घमंड का आना लाज़मी था !!
हमनें प्यार ही इस कदर किया था !!
मुझे घमंड था की मेरे चाहने वाले बहुत है इस दुनिया में !!
बाद में पता चला की सब चाहते है अपनी ज़रूरत के लिए !!