alone shayari dp
बहुत कुछ बोलो पर कुछ ना बताओ,
खुद ना रूठो कभी पर सबको मनाओ,
तकदीर मगर ना जाने कहां सोई पड़ी थी,
खुश के गुजरेंगे रफाकत में सफर,
तनहाई मगर बाहों को फेलये खड़ी थी,
तेरी बातें ने गेहरे ज़ख्म दे दिए हैं,
अकेले अब तक गए हम भी आए सनम,k
अघोष में लेलो मुझे अकेला हूं ,
मैं बसा लो दिल की धड़कन में अकेला हूं,
मैं जो तुम नहीं जिंदगी में तो फिर कुछ नहीं,
समा जाओ मुझे में के अकेला हूं मैं,
हमदर्द नहीं कोई इंसान बहुत हैं,
दिल का दर्द सुनाए तो सुना किस्को,
जो दिल के करीब हैं वो अंजान बहुत हैं,
सोचे द की नज़र अंदाज़ करेंगे,
किसी की तरह का इस्तेमाल करेंगे
पर नहीं कर खातिर वो ज़ुल्म
जिस्का दर्द सिर्फ हम जानते हैं,
स्कूल का वो बस्ता फिर से थमा दे,
माँ ये जीवन का सफ़र कठिन हैं,
मुझे वो स्कूल बेग फिर से दे दो मान मुझे
जिंदगी का ये सफर बहुत मुश्किल लगता है,
बिछड़ कर बहुत ही खतरनाक थे,
हीं दिल-ओ-दिमाग में किसी,
और को नहीं पहाचना,
alone sad shayari
दिल तो घुमने की नियमितता की,
तरह फिर भी मैं इस समय कौन हूँ ,
दिल चाहता है की मैं बच्चन की तरह,
नाराज़ हो जाऊं फिर सोचता हूं कौन मनाएगा,
ऐसा होने का अनुभव संभव नहीं हो सकता है,
अब प्यार न करें️ नही️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️,
मेरी दुश्मन की मृत्यु है
मेरी दैनिक मृत्यु की मृत्यु है,
ज्यादा आसक्त मत होना मेरे
दुश्मन कहते हैं मेरी उमर छोटे है,
मौत का डर तुम्हारा अकेलापन नहीं है ,