बेवफा शायरी
तुम्ही ने लगा दिया इल्जाम ए बेवफाई मुझ पर,
मेरे पास तो वफ़ा के गवाह भी सिर्फ तुम ही तो थे
हमें तो कबसे पता था की तू बेवफ़ा है,
तुझे चाहा इसलिए की शायद तेरी फितरत बदल जाये
नाता हम दोनों का टूटा ही कब था,
बस तूने ही कहीं और दिल लगा लिया
Bewafai Mein Ruswai Shayariya
नहीं चाहिए कुछ भी तेरी इश्क़ की दूकान से,
हर चीज में मिलावट है बेवफाई की !!
एक चेहरा पड़ा मिला आज रास्ते पर मुझे,
ज़रूर किरदार बदलते वक़्त उसी का गिरा होगा !!
बनाई थी झोपड़ी मैंने भी इश्क की,
तेरी बेवफाई की आंधी ने उसे उजाड़ के रख दिया !!
Bewafa Shayari
वादा दोनो ने किया जीना मरना साथ,
कहीं जिस्म नीला हुआ कहीं पीले हाथ !!
दिल रो रहा है मगर होंठ मुस्कुरा रहे है,
उस बेवफ़ा के प्यार को हम आज भी निभा रहे है !!
हम बेवफा है ये ऐलान कर देते है,
चल तेरे काम को हम आसान कर देते है !!