good night sad shayari
रातें यूहीं नहीं गुज़रती ,
इसके लिए दिन में तपना पड़ता है।
Shubh Ratri
क्या खूब कहा है किसी ने राते लम्बी लगती है
और दिन छोटे गर मेहनत शिद्दत से हो।
Good Night
क्यों खोये हो इस भँवर में,
ये राते हैं इन्हें समझने को दिन खोने पड़ते हैं।
शुभ रात्रि
ये राते मुझे आगोश में ले रही,
नशा इस रात में है या मैं नशे में हूँ।
Shubh Ratri
जुगनू चमक रहे हैं,
लगता है अब रात आ गयी।
Good Night
चाहे दूर हो या पास ये
दिल तुम्हारे पास ही है।
शुभ रात्रि
हर चाँद तेरा होगा,
इस जग को तू अपना के तो देख।
Shubh Ratri
जीवन है या अधूरा सपना
हमेशा मायूस ही करता है।
Good Night
क्या हुई है बात सब मेरे होते जा रहे,
मैं बदल गया हूँ या आ गयी है रात।
शुभ रात्रि
न चाहते हुए तुझे हासिल कर रहा हूं मैं,
पर याद रखना ये रात है कल दिन भी आएगा।
Shubh Ratri
ये चाँद मेरा है किसी और का नहीं,
तू मेरी है किसी और की नहीं।
Good Night
रात काली मुझे पुकारे और पुकार के मुझसे तेरा वफ़ा पूछे,
न बता सका वफ़ा तेरी हर वफ़ा मुझसे मेरा ज़िक्र पूछे।
शुभ रात्रि
यादों का फ़लसफ़ा इतना है
कि तू मेरी है और मैं तेरा हूँ।
Shubh Ratri
उम्मीद का सागर इतना भी न भरो कि
रात छोटी पड़ जाए पूरी करने में।
Good Night
ज़हन में ज़िन्दा सारे जज़्बात रखना,
क्या हुआ जो रात आ गई कल सुबह
भी आएगी मुझसे मेरी बात कहने।
शुभ रात्रि
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