gulzar sahab ki shayari
बुरा वक़्त तो गुज़र ही जायेगा !!
बस वही लोग नहीं गुज़रते !!
जिनकी वजह से वो बुरा वक़्त आया है !!
हम अपनी इस अदा पर गुरुर करते है !!
किसी से प्यार हो या नफरत भरपूर करते है !!
अंजान परिंदे उड़ गए उनका क्या दुःख !!
यहाँ तो पाले हुए दूसरों की छत पर उतर रहे है !!
रुतबा कम है मगर लाज़वाब है मेरा जो हर !!
किसी के दर पर दस्तक दे वो किरदार नहीं मेरा !!
gulzar barish shayari
चुभता हूँ सबको कोई छूरा तो नहीं हूँ !!
तुम बताते हो जितना उतना बुरा तो नहीं हूँ !!
किसी को आसानी से मत मिल जाना !!
लोग रास्ता समझने लगते है !!
इतने जल्द ना सारे राज बताया करो बात !!
अगर लंबी करनी हो तो कुछ राज छुपाया करो !!
दिल के मरीज़ हॉस्पिटल !!
से जयादा ऑनलाइन मिलते है !
shaam shayari gulzar
भरोसा नहीं है क्या मुझपे !!
ये लाइन बोलकर पता नहीं !!
कितने लोग धोखा दे देते है !!
चाहते है वो हर रोज़ एक नया चाहने वाला !!
ए खुदा मुझे हर रोज़ एक नई सूरत दे दे !!