zindagi gulzar hai shayari
छू न पाया मेरे अंदर की उदासी को कोई !!
मेरे चेहरे ने इतनी अच्छी अदाकारी की !!
मुझसे धोखा दिया नहीं जाता !!
मै साथ दुनिया के चलू कैसे !!
मुझे किसी के बदल जाने का कोई गम नहीं !!
बस कोई था जिससे ये उम्मीद नहीं थी !!
मशवरा तो खूब देते हो की खुश रहा करो !!
कभी खुश रहने की वजह भी दे दिया करो !!
हमसे रिश्ता बनाये रखना !!
हम वहाँ काम आते है !!
जहाँ सब साथ छोड़ जाते है !!
gulzar sahab shayari
मै वो क्यों बनू जो तुम्हे चाहिए !!
तुम्हे वो कबूल क्यों नहीं जो मै हूँ !!
चलो ये अच्छा हुआ नींद ले गया वरना !!
तेरा ख़्याल मेरी जान भी ले सकता था !!
गैर क्यों ले जा रहे है अपने कंधे पर !!
अरे हां मेरे अपने तो कब्र खोद रहे है !!
मोहब्बत क्या है उस शख़्श से पूछो जिसने !!
दिल टूटने के बाद भी इंतेज़ार किया हो !!
लिहाज़ नहीं रखते हम संस्कारो का !!
लहजा बदल जाये अगर बात करने वालो का !!