dosti gulzar shayari
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको !!
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया !!
बहुत अंदर तक जला देती हैं !!
वो शिकायते जो बया नहीं होती !!
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम !!
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं !!
Gulzar Shayari
बहुत अंदर तक जला देती हैं !!
वो शिकायते जो बया नहीं होती !!
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा !!
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा !!
हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में !!
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया !!
gulzar famous shayari
कहानी शुरू हुई है तो खतम भी होगी !!
किरदार गर काबिल हुए तो याद रखे जाएंगे !!
हसरत थी दिल में की एक खूबसूरत महबूब मिले !!
मिले तो महबूब मगर क्या खूब मिले !!
कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ़ !!
किसी की आँखों में हमको भी को इंतजार दिखे !!
जब भी ये दिल उदास होता है !!
जाने कोन दिल के पास होता है !!