gulzar sad shayari
जर्रा जर्रा समेट कर खुद को बनाया है मैंने !!
मुझसे ये ना कहना बहुत मिलेंगे तुम जैसे !!
उतार कर फेंक दी उसने तोहफे में मिली पायल !!
उसे डर था छनकेगी तो याद जरूर आऊंगा मै !!
सब तारीफ कर रहे थे अपने अपने महबूब का !!
हम नीद का बहाना बना कर महफ़िल छोड़ आए !!
वो हमे भूल ही गए होंगे भला !!
इतने दिनों तक कौन खफा रहता है !!
gulzar ki shayari in hindi
आज थोड़ी बिगड़ी है कल फिर सवांर लेंगे !!
जिंदगी है जो भी होगा संभाल लेंगे !!
सालों बाद मिले वो गले लगाकर !!
रोने लगे जाते वक़्त जिसने कहा !!
था तुम्हारे जैसे हजार मिलेंगे !!
इतना लंबा कश लो यारो दम निकल जाए !!
जिंदगी सुलगाओ यारों गम निकल जाए !!
वो चेहरे जो रौशन हैं लौ की तरह !!
उन्हें ढूंढने की जरूरत नही !!
मेरी आँख में झाँक कर देख लो !!
तुम्हें आइने की जरूरत नही !!
gulzar shayari on zindagi
वक्त सालों की धुंध से निकल जायेगा !!
तेरा चेहरा नज़र से पिघल जायेगा !!
वो शाम कुछ अजीब थी !!
ये शाम भी अजीब है !!
वो कल भी पास पास थी !!
वो आज भी करीब है !!