love gulzar shayari
होती नही ये मगर हो जाये ऐसा अगर !!
तू ही नज़र आए तू जब भी उठे ये नज़र !!
मोहब्बत में अक्सर ऐसा होता है !!
पूरी दुनिया से लड़ने वाला इंसान !!
अपने मन पसंद इंसान से हार जाता है !!
शाम से आँख में नमी सी है !!
आज फिर आपकी कमी सी है !!
gulzar shayari on dosti
टूटी फूटी शायरी में लिख दिया है डायरी में !!
आख़िरी ख्वाहिश हो तुम लास्ट फरमाइश हो तुम !!
मुस्कुराना, सहते जाना, चाहने की रस्म है !!
ना लहू ना कोई आँसू इश्क़ ऐसा ज़ख्म है !!
कोई तो करता होगा हमसे भी खामोश मोहब्बत !!
किसी का हम भी अधूरा इश्क रहे होंगे !!
आखिरी नुकसान था तू जिंदगी में !!
तेरे बाद मैंने कुछ खोया ही नहीं !!
मांगा नही रब से तुम्हे लेकिन इशारा तुम्हीं पर था !!
नाम बेशक नही लिया मगर पुकारा तुम्हीं को था !!
कौन कहता है कि हम झूठ नही बोलते !!
एक बार खैरियत तो पूछ के देखिए !!
लगता है जिंदगी आज खफा है !!
चलिए छोड़िए कौनसी पहली दफा है !!