haldi ki rasam
हांथो में मेंहदी जिस्म पे हल्दी लगाए हो क्या थक
गए हो हमसे या अब किसी और पे दाव लगाए हो
रंग चढ़ा के हल्दी का इंतज़ार है तुझसे
मिलने का अंग अंग पीला हो गया है बस
अब इंतज़ार है तेरे साथ लाल होने का
लगा कर मेहंदी हाथों में किसी और के नाम
की बाबा मैं क्यों आपकी अपनी नही रह गई
क्यों हल्दी के रंग से मैं किसी और की हो गई
haldi ki rasam kaise hoti hai
कल रात हम चकना-चुर हो गए की हमारे
ख्वाबों में उनकी हल्दी हो रही थी कल पहली
दफा था जब हमे ख्वाब तोड़ने की जल्दी हो रही थी
आ तुझे मैं अपने रंग में रंग दूं नए सफर का
रंग चढ़ा दूं शादी से पहले तुझे हल्दी में रंग दूं
तुझे मैं अपनी जिंदगी का हर रंग बना दूं
हमारी मोहब्बत का आज रंग निखार आया है
हम दोस्त चाहने वालों ने आज हमें हल्दी लगाया है
best Haldi rasm ki shayari
फीके पड़ गए हैं मेरे रंग इसलिए हल्दी लगाई जा रही है
तेरे नाम के रंगों को चढाने की शुरुआत की जा रही है
आज सुबह सूरज के जगह चाँद नज़र आ रहा था
गालों पर हल्दी लगाकर सूरज की तरह पिला नज़र आ रहा था
चलो अच्छा हुआ हल्दी का रंग मुझ पर चढ़ा
नहीवरना ये भीनी-भीनी सी खुशबू मेरी जान ले जाती