intezar rahega shayari
हर वक़्त तेरी इंतजार रहता है !!
तेरे लिए सनम हम बेकरार रहता है !!
मुझे पता है तू नहीं किस्मत में मेरी !!
फिर भी ना जाने क्यों तेरा इंतज़ार रहता है !!
एक आजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है !!
उसे पाना शायद मेरे नसीब में नहीं !!
फिर भी हर मोड़ पर उसीका ‘Intezaar’ क्यों है !!
आँखों को इंतज़ार का दे कर !!
हुनर चला गया चाहा था इक !!
शख़्स को जाने किधर चला गया !!
intezar khatam hua shayari
उसके इंतजार के मारे है हम बस उसकी !!
यादों के सहारे है हम दुनिया जीत कर क्या !!
करना है अब जिसे दुनिया से जीता था !!
आज उसी से हारे है हम !!
मोहब्बत का इम्तिहान आसान नहीं !!
प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं !!
मुद्दतें बीत जाती है किसी के इंतज़ार में !!
यह सिर्फ पल दो पल का काम नहीं !!
भले ही राह चलतों का दामन थाम ले !!
मगर मेरे प्यार को भी तू पहचान ले !!
कितना इंतज़ार किया है तेरे इश्क़ में !!
ज़रा यह दिल की बेताबी तू भी जान ले !!