intezar good night shayari
स्वयं लाखों लोगों से मिलें, पर कभी !!
किसी के इंतज़ार में समय ना गवाएं. !!
अभी अपने आप से नाखुश हूँ, तभी तो !!
अपने आने वाले अपने आप के इंतज़ार में हूँ !!
इंतज़ार किसका रहता है इन आँखों को, जो रात के !!
अँधेरे और दिन के उजाले में भी ढूंढ नहीं पाते है !!
call ka intezar shayari
इंतज़ार दरअसल हमें सुकून का था, लोगों !!
को लगता रहा मैं किसी खास के इंतज़ार में हूँ !!
संभव ना हो तो साफ मना कर दें, पर !!
किसी को अपने लिए इंतज़ार ना कराएं !!
कोई आपको अपने से भी ज़्यादा तब अपना लगने लगता है !!
जब उस से मिल कर भी आपका इंतज़ार खत्म नहीं होता !!
इंतज़ार में समय की गति नज़रिये पर निर्भर करती है !!
अच्छा हो तो तेज और बुरा हो तो धीमे !!
pyar ka intezar shayari
सुकून से इंतज़ार आपस में प्यार करने वाले लोग भी !!
मुश्किल से ही कर पाते है !!
तुझे ना हासिल कर के भी ये सुकून तो रहा !!
कम से कम तेरे इंतज़ार में समय तो नहीं गवायाँ !!
उन्हें मुझसे नफ़रत थी और मुझे घमंड, अजीब हैं !!
नफ़रत करने वाले भी हर महफ़िल मे हमारी चर्चा करते हैं !!