mohabbat bewafa
हरभूल तेरी माफ़ की,
तेरी हर खता को भुला दिया,
गम है कि मेरे प्यार का
तूने बेवफाई सिला दिया
जिसको अपना समझा सनम
उसने ही,दिल पे सितम ढाया है,
जिसे बसाया था मैंने दिल में
उसने ही मुझे बेवफाबनाया है,
कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी,
कभी याद आकर उनकी जुदाई मार गयी,
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने,
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गय,
Mohabbat bewafa shayari
कौन करता था वफाओं के तकाजे तुमसे,
हम तो बस तेरी झूठी तसल्ली के तलबगार थे,
ज़िंदगी से बस यही एक गिला है,
ख़ुशी के बाद न जाने क्यों गम मिला है,
हमने तो की थी वफ़ा उनसे जी भर के,
पर नहीं जानते थे कि वफ़ा के
बदले बेवफाई ही सिला है,
वो कह कर गई थी कि लौटकर आऊँगी,
मैं इंतजार ना करता तो क्या करता,
वो झूठ भी बोल रही थी बड़े सलीके से,
मैं एतबार नाकरता तो क्या क्या करता,
Mohabbat bewafa shayari in hindi
वो हुक्म करते थे,
हम हाज़िर हो जाते थे ,
हम प्यार करते थे,
वो गुलाम समझते थे,
कभी फुर्सत मिले तो इतना जरुर बताना,
वो कौन सी मोहब्बत थी,
जो हम तुम्हें दे ना सकें
Mohabbat bewafa shayari in hindi with images
हम तो जी रहे थे उनका नाम लेकर,
वो गुज़रते थे हमारा सलाम लेकर,
कल वो कह गये भुला दो हुमको,
हमने पुछा कैसे,
वो चले गये हाथो मे जाम देकर,
दिल दुखाने का काम छोड़ दो,
मेरे नाम कोई तो पैगाम छोड़ दो,
वफ़ा कर नहीं सकते तो ना ही सही,
लेना महफिल में मेरा नाम छोड़ दो,