new dosti shayari
कह देनें से मुश्किलें कम नहीं होती लेक़िन
जब कोई हक़ से समझाकर कहता है ना सुकूंन मिल जाता है
कोई मिला कोई गया ये वक़्त वक़्त की बात है !!
तू गिरा सब हँसे क्या ये भी इत्तेफ़ाक़ है !!
मंज़िल-ए-ग़म से गुजरना तो है आसाँ इक़बाल !!
इश्क़ है नाम खुद अपने से गुजर जाने का !!
इत्तेफाक़ नहीं मेरा शांत रहना !!
इसके पहले के हादसों से सीखा है मैनें ये !!
कितनें दिलों में ही मर गया ये ख़ाब इश्क़ का !!
ऐसे ही नहीं लोग आशिक़ी को मौत कहते हैं !!
new year love shayari
कोई किस बात पर खफ़ा हो जाए मालूम नहीं पड़ता !!
ये वो दुनियाँ है जहाँ लोग वज़हें ढूँढा करते हैं !!
मैं झुक जाती तो बेशक मसला आसान हो जाता !!
मेरे किरदार का लेकिन बड़ा नुकसान हो जाता !!
न आँखों को चैन न जिगर को करार आया !!
मेरे हिस्से मोहब्बत में बस इंतजार आया !!
वो सुर्ख होंठ और उन पर जालिम अंगडाईयां !!
तू ही बता ये दिल मरता ना तो क्या करता !!
सब भूल जाता हूँ आप के सिवा यह क्या मुझे हुआ है !!
क्या इसी एहसास को दुनिया ने इश्क़ का नाम दिया है !