safar lamba hai shayari
समुंदर की लहरें वो ताज़ी हवाएँ
रेत की नमी वो पेड़ वो ज़मीन
सब मुझे अपने घर बुला रहे है!
हर मुसाफिर यहाँ मंज़िल का इंतज़ार नहीं कर रहा
खुश होने के लिए कुछ सफर का मज़ा भी जी भर कर ले रहे हैं।
कुछ सपने पूरे करने हैं कुछ मंजिलों से मिलना है
अभी सफर शुरू हुआ है मुझे बहुत दूर तक चलना है!
सफर में संभल कर चलने वाले काफी मिल
जाएंगे मैं तो इन सड़कों पर दौड़ना चाहता हूँ।
किसी को मंज़िल की भूख है तो किसी को पैसों की
प्यास है पर सच कहूँ तो मेरे लिए ये सफर ही ख़ास है।
किसी जगह के बारे में ज़िन्दगी भर सुनने से
अच्छा है कि एक बार उसे जाकर खुद देख लो!
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा!
बहुत देखे ये खराब दुनिया वाले
अब मुझे ये खूबसूरत दुनिया देखनी है।
एक सफ़र वो है जिस में
पाँव नहीं दिल दुखता है!
हम जितनी दुनिया देखते जाते हैं
हमारे नज़रिए का दायरा उतना ही बढ़ता जाता है!
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई
हम न सोए रात थक कर सो गई!
इंसान के यात्रा करने के जुनून ने ही उसे चांद तक पहुंचा दिया।
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