safar me dhup to hogi
आओ संग में एक कहानी बनाते हैं
चलो कहीं घूम के आते हैं!
मंजिल बड़ी हो तो सफ़र में कारवां छूट जाता है
मिलता है मुकाम तो सबका वहम टूट जाता है!
याद रखना की तुम एक जहाज़ हो तुम्हारा काम
किनारे पर खड़ा होना नहीं बल्कि लहरों से टकराना है।
हर सफ़र की एक कहानी ज़रूर होती है
अज्ञानता से ज्ञान की !
तेरी जिंदगी की असलियत का जब तुझ पर असर होगा
असल में उस समय ही शुरू तेरे जीने का सफ़र होगा
ये पूरी दुनिया एक समंदर है इसमें तैरना आना
भी ज़रूरी है और कई दफा बह जाना भी ज़रूरी है।
मंज़िलों के ग़म में रोने से रमंज़िलें नहीं मिलती
हौंसले भी टूट जाते हैं रअक्सर उदास रहने से।
इत्रर से कपड़ों को रमहकाना कोई बड़ी बात नहीं हे
रमज़ा तो तब है जब रआपके किरदार से खुशबू आये।
ऑफिस का एक कमरा आपकी दुनिया
नहीं है बल्कि ये पूरी दुनिया आपकी है।
हजारों मील की यात्रा भी एक कदम से शुरू होती है।
रहा हूँ मैं खुद अनजान हूँ की ये रास्ता मुझे कहाँ ले जा रहा है।
सत्य से पराजित होने के पूर्व झूठ आधी दुनिया की यात्रा कर लेता है।
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