akela safar shayari
उम्र भर मंजिल की तलाश में रहे हम !!
सफर गुजर गया मगर फिर भी !!
मंजिल की आश में रहे हम !!
चले थे जिस की तरफ़ वो निशान ख़त्म हुआ !!
सफ़र अधूरा रहा आसमान ख़त्म हुआ !!
ये बस तेरी इन दुआओ का असर है !!
की आज इस बेजान जिन्दगी में भी थोड़ा सफर है !!
मोहोब्बत के इस सफर ने बड़ा जलाया है !!
आंसू सुख जाने के बाद भी कमबख्त ने !!
बड़ा रुलाया है !!
फासलें तेरे सफर को और मुश्किल बनाएंगे !!
नजदीकियों से तेरी देखना हम मंजिले के और करीब जायेंगे !!
मैं लौटने के इरादे से जा रहा हूँ मगर !!
सफ़र सफ़र है मेरा इंतजार मत करना !!
मेरी तन्हाइयों को दूर कर मेरे प्यार के समंदर में कोई खो जाये !!
इस जिन्दगी के तनहा सफर में किसी अपने का मिलन हो जाये !!
सफर में पास दिख रही वो मंजिल बस धोखा है !!
पास जाना नहीं उसके इन सब ने कसम देकर मुझे रोका है !!
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो !!
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो !!
हसीन सफर के हसीन नज़ारे है !!
लकीरों में ढूंढ रहें है मंजिल देखो !!
कमबख्त इतने किस्मत के मारे है !!
अब सफर के ये रास्ते बड़े डराते है मंजिल पास है !!
अभी मगर उस तक पहुँचने में भी अब हम घबराते है !!
न मंज़िलों को न हम रहगुज़र को देखते हैं !!
अजब सफ़र है कि बस हम-सफ़र को देखते हैं !!
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