udas zindagi shayari in urdu
दिल से दिल मिले या न मिले हाथ मिलाओ
हमको ये सलीका भी बड़ी देर से आया
जो रोशनी में खड़े हैं वो जानते ही नहीं
हवा चले तो चिरागों की ज़िन्दगी क्या है
रात तो वक़्त की पाबंद है ढल जाएगी
देखना ये है चिरागों का सफ़र कितना है
कुछ ऐसे हो गए हैं इस दौर के रिश्ते
जो आवाज तुम ना दो तो बोलते वो भी नहीं
बहुत अजीब से हो गए हैं ये रिश्ते आजकल के
सब फुरसत में हैं पर वक़्त किसी के पास नहीं
मजबूरियों से लड़कर रिश्तों को समेटा है
कौन कहता है मुझे रिश्तें निभाने नहीं आते
alone zindagi shayari
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छूटा करते
वक्त की शाख से लम्हे नहीं टूटा करते
कुछ रूठे हुए लम्हें कुछ टूटे हुए रिश्ते
हर कदम पर काँच बन कर जख्म देते हैं
मुलाकातें जरूरी हैं अगर रिश्ते निभाने हैं
लगाकर भूल जाने से तो पौधे भी सूख जाते हैं
जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा
किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता