rishte matlabi shayari
वक्त और किस्मत पर कभी घमंड ना करो !!
सुबह उनकी भी होती है जिन्हे कोई याद नही करता !!
ना जाने कितने रिश्ते खत्म कर दिए इस भरम ने !!
कि मैं सही हूँ सिर्फ मैं ही सही हूँ !!
लोगो को मतलबी रिश्ते बनाने में बहुत मज़ा आता है !!
मतलब निकलने के बाद आनाजाना ही बंद कर देते हैं !!
सुना है काफी पढ़ लिख गए हो !!
तुम कभी वो बी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते !!
बाप का अभी पैसा है तो घमंड है इसलिये !!
खुद का पैसा कमा घमंड भी कुछ सीखा देगा !!
मुझे घमंड था अपने चाहने वालो का इस दुनिया में !!
वक्त क्या पलट गया सब की असलियत सामने आ गई !!
matlabi dost shayari in english
मुझे लगा तू मेरे प्यार से अनजानी है !!
पर मैं नहीं जानता था कि घमंड तेरी निशानी है !!
मैं अख़बार नहीं जो दुसरे दिन पुराना हो जाऊं !!
मैं जिन्दगी का वो पन्ना हूँ जहां लम्हे ठहर जाते है !!
सिर्फ इज्जत करने का नही !!
उतारने का भी हुनर है !!
ये जो मेरे हालात हैं एक दिन सुधर जायेंगे !!
मगर तब तक कई लोग मेरे दिल से उतर जायेंगे !!