matlabi yaar shayari
घमंड का पारा जब सर चढ़ जाता है !!
इंसान अपनी हद से आगे बढ़ जाता है !!
सब जानते है उसका घमंड एक दिन मिट जाएगा !!
फिर भी लोग कहते है जो होगा देखा जाएगा !!
फर्क जीने वालों को पड़ता है !!
मैंने तो सिर्फ सांस लेने की आदत डाल रखी है !!
चीजें अक्सर छोटी लगती हैं !!
जब कोई दूर से या गुरूर से देखता हैं !!
new Matlabi Shayari In Hindi
घमंड तो बस यह मन करता है !!
वरना शरीर तो दो गज जमीन में भी लेट जाता है !!
मुझे घमंड था अपने चाहने वालो का इस दुनिया मे !!
वक्त क्या पलट गया सब की असलियत सामने आ गई !!
matlabi friend shayari
घमंड विमान की तरह आसमान में उड़ता है जरुर !!
पर वक्त आने पर टूटते तारे की तरह गिरता है जरूर !!
आईना उतना ही देखो जितनी देर में संवर सको !!
पल पल में आईना देखना आरज़ू-ए-घमंड है !!
कमाओ कमाते रहो और, तब तक कमाते रहो !!
जब तक हर महंगी चीज़, सस्ती ना लगने लगे !!
यदि सहने की हिम्मत रखता हूं !!
तो तबाह करने का हौसला भी रखता हूं !!