sab matlabi hai shayari
तेरी अकड़ दो दिन की कहानी हैं !!
मेरा गुरूर तो खानदानी हैं !!
अगर आप उस इंसान, की तलाश कर रहे हैं !!
जो आपकी ज़िन्दगी बदल देगा !!
तो अभी आप आईने में देख लें !!
शीशा और घमंड जब भी !!
टूट कर चूर होते है !!
ना तो चुभते बहुत है !!
दोस्ती ओर दुश्मनी दोनों ही मज़ेदार है !!
बस निभाने का दम.होना चाहिए !!
कभी कभी खाक़ जम़ीन पर बैठ जाता हूँ मैं !!
क्यूँकि प्यार है मुझे मेरी Aukat से !!
मैंने इस छोटी सी उम्र में !!
सारे के सारे बड़े शोंक पाल रखे हैं !!
matlabi dhoka shayari
हम को खरीदने की कोशिश मत करना !!
हम उन पुरखो के वारिस है !!
जिन्हो ने मुजरे में हवेलिया दान कर दी थी !!
लाखों ठोकरों के बाद भी संभलता रहूँगा मैं !!
गिरकर फिर उठूँगा और चलता रहूँगा मैं !!
समय और किस्मत दोनों परिवर्तनशील है !!
इस पर कभी घमण्ड ना करो !!
Matlabi Shayari In Hindi
घमंड जब घुसा इंसान के शरीर में !!
इंसान झुकने की कोशिश भी खड़े-खड़े करने लगा !!