alfaaz hun tu meri shayari song
अलफ़ाज़ चुराने कीहमें जरुरत ही ना पड़ी कभी !!
तेरे वे हिसाब ख्यालों ने वे हतासा लफ्ज दिए !!
हर रात जान बूझकर रखता हूँ दरवाज़ा खुला !!
शायद कोई लुटेरा मेरा गम भी लूट ले !!
वो कहते हैं !!
कैसे बयां करे हम अपना हाल-ए-दिल !!
हमने कहा बसतीन अलफ़ाज़ काफी हैं !!
प्यार का इज़हार करने के लिए !!
जब अलफ़ाज़ पन्नोपर शोर करने लगे !!
समझ लेना सन्नाटे बढ़ गए हैं !!
अल्फ़ाज़ उतने झूठ नकह सके आज तक !!
जितने सच आंखें एक नज़र भर में कह गयीं !!
मेरे अल्फाज भी खामोश हो जाते हैं कभी कभी !!
स्याही बिखरती है मगर एहसास रह जाते हैं कभी कभी !!
alfaaz shayari in hindi language
माना की तुझसे दूरियां !!
कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है !!
पर तेरे हिस्से का वक्त !!
आज भी तन्हा गुजरता है !!
एक साथ चार कंधे देखकर जहन में आया !!
एक ही काफी था गर जीते जी मिला होता !!
वो ढूंढते हैं इश्क मेरेअल्फ़ाज़ के दायरों में !!
नहीं समझते किखामोश मोहब्बत क्या है !!
जिसे खोने का डरहमें सबसे ज्यादा होता है !!
उसे एक दिन हम खो ही देते हैं !!