kuch bheege alfaaz shayari
कुछ खोए हैं अल्फाज़ मेरे !!
कुछ दिन में भी रानाई है !!
खामोश हुए अरमान भी हैं !!
और फिज़ा में छाई तन्हाई है !!
इतनी ठोकर देने के लिए शुक्रिया ए-ज़िन्दगी !!
चलने का ना सही संभलने का हुनर तो आ गया !!
रफ़्तार कुछ इस कदर तेज हुई है ज़िन्दगी की !!
कि सुबह का दर्द शाम को पुराना हो जाता है !!
ख़ता मत गिन कि कितना गुनाह किसने किया !!
वो इश्क़ का नशा था मैंने भी किया तूने भी किया !!
alfaaz shayari in english
इक रात वो जहाँ गया था बात रोक कर !!
अब तक बैठा हूँ वही वो रात रोक कर !!
सफ़र में कहीं तो दगा खा गए हम !!
के जहां से चले थे वापस वहीं आ गए हम !!
ऐसे माहौल में दवा क्या है दुआ क्या है !!
जहां कातिल ही खुद पूछे कि हुआ क्या है !!
किस तरह से सुलह करूं उससे !!
झगड़ा भी तो नही हुआ हमारा !!
क्या बात है बड़े चुपचाप से बैठे हो !!
कोई बात दिल पे लगी है या !!
दिल कहीं और लगा बैठे हो !!
इन खाली खिड़कियों पर बरसती उन बूंदों की भीड़ !!
समझ नही आता ये शाम बरस रही है या रो रही है !!