sad alone shayari
चुभते हुए ख्वाबों से कह दो,
अब आया न करे हम तन्हा तसल्ली,
से रहते है बेकार उलझाया न करे ,
तन्हाई के लम्हे में कभी रो भी लिया कर,
हर वक़्त का रोना तुझे बर्बाद न कर दे,
वो तनहा मिल गयी तो क्या कहूंगा,
किसी का हाथ कैसे थाम लूँ,
लेकिन एहसास अब हो रहा है,
अकेला तो बहुत समय से हूं मैं,
पर महसूस अब हो रहा है,
भरी भरी आँखों से मुस्कुराये थे हम,
अब तो सिर्फ मैं हूँ और तेरी यादें हैं,
उसके दिल में थोड़ी
सी जगह माँगी थी,
मुसाफिरों की तरह,
उसने का एक शहर,
मेरे नाम कर दिया,
heart broken alone shayari
मेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज़्र के दौर में गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,
दिनों को तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में,
जहाँ तन्हा मिलोगे तुम, तुम्हें रातें रुलायेंगी,
आज आसमान में तारे कम दिखे ,
बारिश में पत्ते नम दिखे ,
जिनके नजरों में जगह नहीं थी हमारे लिए ,
खुदा की कसम आज आंखों में हम दिखे,
प्यार सिखा कर वो जुदा हो गए,
अब किस को हम अपना कहेंगे,
वो भी औरों की तरह बेवफा हो गए,
अजनबी तो सदा प्यार से मिलते हैं,
भूल जाते हैं तो अक्सर अपने,