good morning anmol vachan shayari
एक संतुलित मन के बराबर कोई तपस्या नहीं है,
संतोष के बराबर कोई खुशी नहीं है,
लोभ के जैसी कोई बिमारी नहीं है,
दया के जैसा कोई सदाचार नहीं है,
सोने के साथ मिलकर चांदी भी सोने
जैसी दिखाई पड़ती है,
अर्थात सत्संग का प्रभाव मनुष्य पर
अवश्य पड़ता है,
ढेकुली नीचे सिर झुकाकर ही कुँए से
जल निकालती है,
अर्थात कपटी या पापी व्यक्ति सदैव
मधुर वचन बोलकर अपना काम निकालते हैं,
दूध के लिए हथिनी पालने की जरुरत
नहीं होतीअर्थात आवश्कयता के
अनुसार साधन जुटाने चाहिए,
यदि आप गरीब जन्मे है तो यह
आपकी गलती नहीं है,लेकिन यदि
आप गरीब मरते है,तो यह आपकी गलती है,
किसी के छाव के नीचे खड़े रहने से
खुद की छाव निर्माण नही होती,
खुद की छाव बनाने के लिए
कड़ी धूप में खड़ा रहना पड़ता है,
अपने आप को विकसित करे,
याद रखें,गति और विकास जिंदा इंसान
की निशानी है,
खुशी से काम करोगे तो
ख़ुशी और सफलता दोनों मिलेगी,
इतिहास स्कूलों के टॉपर नहीं,
बल्कि जिद्दी लोग रचते है,
जिंदगी में रिस्क लेते रहे जीत मिले या हार
लेकिन सीख तो मिलेगी ही यह काफी है,
आपको अनुभवी बनाने के लिए ,
मंज़िल पर पहुँचना है तो कभी राह के कांटों
से मत घबराना क्योंकि कांटे ही तो बढ़ाते है,
रफ्तार हमारे कदमों के ,