Barish ka Mausam shayari
कभी जी भर के बरसना,कभी बूँदबूँद के,
लिए तड़पना, अये बारिश तेरी आदतें भी,
मेरे यार जैसी हैं,
barish ka mausam shayari in english
मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से,
आजकल,वरना शौक तो आज भी है,
बारिशो में भीगने का,
barish ka mausam shayari
क्या तमाशा लगा रखा है तूने एबारिश,
बरसना ही है, तो जम के बरस वैसे भी,
इतनी रिमझिम तो मेरी आँखो से रोज
हुआ करती है,
barish ka mausam shayari in english
बारिश में आज भीग जाने दो,
बूंदों को आज बरस जाने दो,
न रोको यूँ खुद को आज,
भीग जाने दो इस दिल को आज,
वो मेरे रु-बा-रु आया भी तो बरसात के,
मौसम में,मेरे आँसू बह रहे थे और वो,
बरसात समझ बैठा,
barish ka mausam romantic shayari
.कभी जी भर के बरसना,
कभी बूंद बूंद के लिए तरसाना
ए बारिश तेरी आदते,
मेरे यार जैसी है,
.सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में,
ज्यादा भीगना मत,
अगर धूल गई सारी ग़लतफहमियां,
तो फिर बहुत याद आएंगे हम,
ye barish ka mausam shayari
पहले रिम-झिम फिर बरसात और,
अचानक कडी धूप,मोहब्बत ओर,
अगस्त की फितरत एक सी है,
पहले बारिश होती थी तो याद आते थे,
अब जब याद आते हो बारिश होती है,
सुनो ये बादल जब भी बरसता है,
मन तुझसे ही मिलने को तरसता है,