barish ka mausam shayari
बहुत दिनों से थी ये आसमान की साजिश,
आज पुरी हुई उनकी ख्वाहिश,
भीग लो अपनों को याद कर के,
मुबारक हो आपको साल की ये पहली बारिश,
बादलों को आता देख के मुस्कुरा लिया होगा,
कुछ न कुछ मस्ती में गुनगुना लिया होगा,
ऊपर वाले का शुक्र अदा किया बारिश के,
होने से, के इस बहाने तुमने नहा लिया होगा,
सावन का मौसम जब भी धरती से,
मिलने आता ह,तब तब अपनी तड़प
का दास्ताँ बरस कर सुनाता है,
क्यों होती है अक्सर जुदाई उनसे
जिसको दिल चाहे क्यों,
barish ka mausam romantic shayari
अगर भीगने का इतना ही शौक है,
बारिश मे तो देखो ना मेरी आँखों मे,
बारिश तो हर एक के लिए होती है,
लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए बरसती है,
बनके सावन कहीं वो बरसते रहे इक,
घटाके लिए हम तरसते रहेआस्तीनो,
के सायेमें पाला जिन्हें, साँप बनकर,
वही रोज डसते रहे,
ye barish ka mausam shayari
मोहब्बत तो वो बारिश है जिससे,
छूने की चाहत मैं ! हथेलियां तो गीली,
हो जाती है पर हाथ खाली ही रह जाते है,
barish ka mausam shayari image
मेरे दिल की जमीन बरसों से बंजर पडी है,
मै तो आज भी बारिश का इन्तेजार कर रहा हूँ,
दुआ बारिश की करते हो मगर छतरी नही,
रखते, भरोसा है, नहीं तुमको खुदा पर क्या,
जरा सा भी,
तुमको बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुमको हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
तुमको बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुमको सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम,
barish ka mausam shayari in english
ज़रा ठहरो बारिश थम जाये,
तो फिर चले जाना,
किसी का तुझ को छू लेना,
मुझे अच्छा नहीं लगता,