shayari on beautiful eyes
हुस्न वालों को संवरने की क्या जरूरत है !!
वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं !!
अभी इस तरफ़ न निगाह कर !!
मैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लूँ !!
मेरा लफ़्ज़-लफ़्ज़ हो आईना !!
तुझे आईने में उतार लूँ !!
उसके हुस्न से मिली है मेरे इश्क को ये शौहरत !!
मुझे जानता ही कौन था तेरी आशिक़ी से पहले !!
तलब उठती है बार-बार तेरे दीदार की !!
ना जाने देखते-देखते कब तुम लत बन गये !!
ऐसा ना हो तुझको भी दीवाना बना डाले !!
तन्हाई में खुद अपनी तस्वीर न देखा कर !!
beautiful love shayari
तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है !!
तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है !!
खूबसूरती की इंतेहा है तू !!
तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है !!
इन आँखों को जब जब उनका !!
दीदार हो जाता है !!
दिन कोई भी हो, लेकिन मेरे लिए !!
त्यौहार हो जाता है !!
रोज इक ताज़ा शेर कहाँ तक लिखूं तेरे लिए !!
तुझमें तो रोज ही एक नई बात हुआ करती है !!
रोज इक ताज़ा शेर कहाँ तक लिखूं तेरे लिए !!
तुझमें तो रोज ही एक नई बात हुआ करती है !!
होश-ए-हवास पे काबू तो कर लिया मैंने !!
उन्हें देख के फिर होश खो गए तो क्या होगा !!