dil mein shayari
मुझे हर किसी ने तोड़ने की कोशिश की,
पर मैंने अपने दिल पे,
हिम्मत का गौंद कुछ ऐसा लगाया,
कि कोई मुझे चाहकर भी तोड़ ना पाया,
कोई भी अगर काम करो,
तो अपने दिल से करो,
अगर दिल गवाही ना दे ,
तो उस काम को छोड़ दो,
दिल टूट गया मेरा,
तुम्हारे जाने के बाद।
तुम तो बेवफा निकले,
इतना रिश्ता निभाने के बाद
दिल मेरी सुनता कहां है ,
जहां नहीं जाना ये जाता वहां है,
जब से तुम छोड़ कर गए हो,
जज़्बात इसमें जहां के तहा है,
दिल में बसने वाले,
बड़े अजीब होते है,
दूसरो के दिल में रहते है,
किराया भी नहीं देते है,
ये दिल भी बड़ा अजीब होता ये बड़ा ही,
नाज़ुक होता हैं जरा सी बात पर टूट जाता हैं,
और जरा सी बातपर किस का हो,
जाता हैं. कहते हैं दिल के कई रूप और,
रंग होते हैं. दिल कोमल भी होता हैं,
तो कठोर भी. दिल छोटे से बच्चे की,
तरह चंचल होता हैं तो एक कुर शासक की,
तरह बेरहम भी,
वही प्यार में दिल शीशे से भी नाज़ुक,
होता हैं जरा सी ठोकर से टूट के बिखर जाता हैं,
और जरा सी बात पर बच्चे के खिलौने,
की तरह टूट कर बिखर जाता हैं,
अभी तक मौजूद हैं इस दिल पर तेरे,
कदमों के निशान, हमने तेरे बाद किसी,
को इस राह से गुजरने नहीं दिया,
तेरा नाम था आज किसी अजनबी की,
जुबान पे आया, बात तो जरा सी थी,
पर दिल ने बुरा मान लिया,
इस से ज़्यादा तुम्हे और, कितना करीब,
लाऊँ मैं, तुम्हे दिल में रख कर भी,
दिल मेरा नहीं भरता,