dil ki shayari
मुझे नही पता कि ये बिगड़ गया या सुधर गया,
बस अब ये दिल किसी से मोहब्बत नही करता,
मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम, यादों में,
उसकी यह दिल तड़पता रहा, मौत भी मेरी,
चाहत को रोक नसकी, कब्र में भी यह दिल,
धड़कता रह,
गर लफ्ज़ों में कर सकते बयान इंतेहाए,
दर्दएदिल, लाख तेरा दिल पत्थर का सही,
कब का मोम कर देते,
दिल ने आज फिर तेरे दीदार की ख़्वाहिश रखी है,
फुरसत मिले तो ख्वाब में आ जाना,
सो जा ऐ दिल आज धुंध बहुत है,
तेरे शहर में,अपने दिखते नहीं और,
जो दिखते हैवो अपने नहीं,
मयखाने में जाम टूट जाता है, इश्क़ में,
दिल टूट जाता है, न जाने क्या रिश्ता है,
दोनों में जाम टूटे तो इश्क़ याद आता है,
दिल टूटे तो जाम याद आता है,
गर लफ्ज़ों में कर सकते बयान,
इंतेहा,एदर्दएदिल, लाख तेरा दिल,
पत्थर का सही, कब का मोम कर देते,
अरे ओ दिल तुझे कब तक कोई समझायेगा,
इतनी मुद्दत में तो पागल भी सुधर जाते हैं,
इश् ना करने के दो ही तरीके थे,
एक दिल ना बना होता. या फिर तुम ना बने होते,
पागल दिल वो तेरा नही किसी और का है,
चुप कर के शो जाओ रात रोने के,
लिए नही सोने के लिए,