gulzar shayari love in hindi
वो सफर बचपन के अब तक याद आते हैं मुझे !!
सुबह जाना हो कहीं तो रात भर सोते नही थे !!
इसलिए पसंद है किताब मुझे !!
वो टूटकर बिखर जाना पसंद करेगी !!
मगर अपने लफ्ज़ बदलना नही !!
कमियां तो पहले भी थीं मुझमें अब !!
जो बहाना ढूंढ़ रहे हो तो बात अलग है !!
नजर भी ना आऊं इतना भी !!
दूर ना करो मुझे !!
पूरी तरह बदल जाऊं इतना भी !!
मजबूर मत करो मुझे !!
gulzar shayari on friendship
कोई रंग नही होता बारिश के पानी में !!
फिर भी फिजा को रंगीन बना देती है !!
इतने बुरे नही थे जितने इल्ज़ाम लगाए लोगों ने !!
कुछ किस्मत खराब थी कुछ आग लगाई लोगों ने !!
बहुत कम लोग हैं जो मेरे दिल को भाते हैं !!
और उससे भी बहुत कम हैं जो मुझे समझ पाते हैं !!
गुस्सा भी क्या करूं तुम पर !!
तुम हंसते हुए बेहद अच्छे लगते हो !!
मुकम्मल इश्क से ज्यादा तो चर्चे !!
अधूरी मोहब्बत के होते हैं !
तमाशा जिंदगी का हुआ !!
कलाकार सब अपने निकले !!