shayari on life gulzar
मंजर भी बेनूर था और फिजायें भी बेरंग थीं !!
बस फिर तुम याद आये और मौसम सुहाना हो गया !!
कोई न कोई रहबर रस्ता काट गया !!
जब भी अपनी रह चलने की कोशिश की !!
आज मैंने खुद से एक वादा किया है !!
माफ़ी मांगूंगा तुझसे तुझे रुसवा किया है !!
gulzar shayari in hindi 2 lines
हर मोड़ पर रहूँगा मैं तेरे साथ साथ !!
अनजाने में मैंने तुझको बहुत दर्द दिया है !!
आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं !!
मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ !!
यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता !!
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता !!
आप के बाद हर घड़ी हम ने !!
आप के साथ ही गुज़ारी है !!
Gulzar Shayari
वफा की उम्मीद ना करो उन लोगों से !!
जो मिलते हैं किसी और से होते है किसी और के !!
उठाए फिरते थे एहसान जिस्म का जाँ पर !!
चले जहाँ से तो ये पैरहन उतार चले !!
हाथ छुटे तो भी रिश्ते नहीं छोड़ा करते !!
वक़्त की शाख से रिश्ते नहीं तोड़ा करते !!