romantic gulzar shayari
जाने कैसे बीतेंगी ये बरसातें !!
माँगें हुए दिन हैं माँगी हुई रातें !!
ऐसा कोई ज़िंदगी से वादा तो नही था !!
तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था !!
वो बेपनाह प्यार करता था मुझे !!
गया तो मेरी जान साथ ले गया !!
इस दिल में बस कर देखो तो ये शहर बड़ा पुराना है !!
हर साँस में कहानी है हर साँस में अफ़साना है !!
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कोई वादा नही किया लेकिन क्यों तेरा इंतज़ार रहता है !!
बेवजह जब क़रार मिल जाए दिल बड़ा बेकरार रहता है !!
दबी-दबी साँसों में सुना था मैंने बोले बिना !!
मेरा नाम आया पलकें झुकी और उठने !!
लगीं तो हौले से उसका सलाम आया !!
तू समझता क्यूं नही है दिल बड़ा गहरा कुआँ है !!
आग जलती है हमेशा हर तरफ धुआँ धुआँ है !!
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सब खफा हैं मेरे लहजे से पर मेरे !!
हालात से वाकिफ कोई नहीं !!
खून निकले तो ज़ख्म लगती है !!
वरना हर चोट नज़्म लगती है !!
तन्हाइयां कहती हैं कोई महबूब बनाया जाए !!
जिम्मेदारियां कहती हैं वक़्त बर्बाद बहुत होगा !!