intezar shayari mirza ghalib
ग़जब किया तेरे वादे पर एतबार किया !!
तमाम रात किया क़यामत का इंतज़ार किया !!
आँखें भी मेरी पलकों से सवाल करती हैं !!
हर वक़्त आपको ही बस याद करती हैं !!
शाम है बुझी बुझी वक्त है खफा खफा !!
कुछ हंसीं यादें हैं कुछ भरी सी आँखें हैं !!
barish ka intezar shayari
जब तक ना कर लें दीदार आपका !!
तब तक वो आपका इंतज़ार करती हैं !!
दिल की धड़कन को,एक लम्हा सब्र नहीं !!
शायद उसको अब मेरी ज़रा भी कद्र नहीं !!
best intezar shayari in urdu
न देखने से मेरा प्यार कम ना होगा !!
तू पलट के ना देख इजहार कम ना होगा !!
तुमसे मिलने की उम्मीद भी नहीं है !!
कैसे कहूं फिर भी तुम्हारा ‘Intezaar’ है !!
अगर चीजें अलग होतीं, अगर मैं आपके लिए !!
Intezaar करता, तो क्या आप मुझसे प्यार करते !!
intezar nahi hota shayari
किसी रोज़ होगी रोशन मेरी भी ज़िंदगी !!
इंतज़ार सुबह का नहीं तेरे लौट आने का है !!
इंतजार क्या होता है,यूं ही मिल जाए कोई बिना !!
चाहे तो कैसे पता चलेगा कि प्यार क्या होता है !!