matlabi dost shayari in hindi
कैसे कह दूँ इश्क मतलबी है उसका !!
उसे मुझसे कोई फायदा भी तो नहीं है !!
कैसे कह दूँ इश्क मतलबी है उसका !!
उसे मुझसे कोई फायदा भी तो नहीं है !!
देखो सब को अपनी तलब लगी है !!
भीड़ बहुत है लेकिन सब मतलबी है !!
झूठे लोगों से भरी परी है कहाँनिया यहा किताबों में !!
प्यार से बोल दे कोई तो मेहर बानी सी लगती हैं !!
ऐसी मतलबी दोस्ती की जरूरत नहीं !!
जो वक़्त और माहौल के साथ बदलती हो !!
matlabi log shayari in hindi
कुछ यूँ हुआ कि जब भी जरुरत पड़ी !!
हर शख्स इतेफाक से मजबूर हो गया !!
दुनिया को देख कर अब हम भी मिज़ाज बदले गे !!
रिश्ता सब से होगा लेकिन वास्ता किसी से नहीं !!
कैसे करू भरोसा गैरो के प्यार पर !!
अपने ही मजा लेते हैं अपने कि हार पर !!
rishte matlabi shayari
ये दुनिया वाले बड़े मतलबी है !!
जानते है सब अपने स्वार्थ के लिए पास आते है !!
मगर बावजूद इसके सभी को अपना अपना कहते है !!
मतलबी दुनिया के मतलबी नज़ारे !!
अपने ही स्वार्थ के सभी यहां मारे !!
अब विश्वास ना रहा अब किसी के सहारे !!
इसलिए कहता हूँ
इस छोटी सी जिंदगी को बस अकेले गुजरें !!