matlabi log ke liye shayari
कुछ ख़ुद दूर चले जाते है !!
और मतलबी हमे बतलाते है !!
इंसान की अच्छाई पर !!
सब खामोश रहते है !!
चर्चा अगर उसकी बुराई पर !!
हो तो गूॅगे भी बोल पड़ते है !!
मै सूरज के साथ रहकर !!
भी भूला नही अदब !!
लोग जुगनू का साथ !!
पाकर मगरूर हो गये !!
सबके दिलो मे धड़कना ज़रूरी नही !!
होता साहब कुछ लोगो की अखो मे !
खटकने का भी एक अलग मज़ा है !!
रिश्ता वही कामयाब रहता है !!
जो दिल से जुदा हो जरूरत से नही !!
matlabi shayari gujarati
देकर कुर्बानी अपने चाहत कि जानम !!
हम अपनी नजरो मे महान हो गए !!
कोहनी पर टिके हुए लोग !!
टुकड़ो पर बिके हुए लोग !!
करते है बरगद की बाते !!
ये गमले मे उगे हुए लोग !!
मज़बूत होने मे मज़ा ही तब है !!
जब सारी दुनिया कमज़ोर !!
कर देने पर तुली हो !!
matlabi bhai shayari
भुला देगे तुम्हे भी जरा सब्र !!
तो कीजिये आपकी तरह !!
मतलबी होने मे जरा वक्त लगेगा !!
मेरी तारीफ करे या मुझे !!
बदनाम करे जिसने जो बात !!
करनी है सर-ए-आम करे !!