radha shayari
सत्संग ना तीरथ कोई ना ही चारो धाम
सुबह शाम बस तुम जपो
राधा कृष्ण का नाम
पाप सभी धुल जायेंगे
पूरे होंगे सारे काम
उनपर तुम विश्वास रखो
दुख हर लेंगे घनश्याम,
लोग कहते है कि राधा ने कृष्ण से इतना प्रेम किया था !!
कि वृन्दावन के मिट्टी में प्रेम समा गया!!
आज भी जब राधा-कृष्ण के भक्त वृन्दावन जाते है
तो वहां की मिट्टी को माथे पर लगाते है.
माना की जग की नजरों में
उनका प्रेम अधूरा आधा है,
पर हर मन्दिर हर कण में
कृष्ण के संग बस राधा है ,
radha krishna prem shayari
माखन चुराकर जिसने खाया,
बंसी बजाकर जिसने नचाया,
ख़ुशी मनाओ उसके जन्म की..
जिसने दुनिया को प्रेम सिखाया
कृष्ण का नाम लो सहारा मिलेंगा,
यह जीवन ना तुमको दुबारा मिलेगा !!
जीवन ना तो भविष्य में है और नाही अतीत में,
जीवन तो केवल कृष्णा के ध्यान में है !!
जय श्री कृष्णा
एक तरफ साँवले कृष्ण,
दूसरी तरफ राधिका गोरी
जैसे एक-दूसरे से मिल गए हों
चाँद-चकोरी,
जिस पर राधा को मान हैं,
जिस पर राधा को गुमान हैं,
यह वही कृष्ण हैं जो राधा
के दिल हर जगह विराजमान हैं.
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वृन्दावन की हवाओं में प्रेम की खुशबू आती है,
तभी तो विदेशों से लोग राधा और कृष्ण के प्रेम को जानने,
समझने, देखने, महसूस करने आते है,
सांवरे तेरी मोहब्बत को,
नया अंजाम देने की तैयारी हैं,
कल तक मीरा दीवानी थी,
आज मेरी बारी हैं,
सुनो कन्हैया जहाँ से तेरा मन करे,
मेरी जिन्दगी को पड़ लो पन्ना चाहे,
कोईं भी खोलो हर पन्ने पर
तेरा नाम होगा मेरे कान्हा,