muharram shayari
क्या जलवा कर्बला में दिखाया हुसैन ने,
सजदे में जा कर सिर कटाया हुसैन ने,
नेजे पे सिर था और ज़ुबान पे आयते,
कुरान इस तरह सुनाया हुसैन ने,
Has Hussain shown the flame in Karbala,
Hussein beheaded after going to prostrate,
had his head on his head and came on his tongue,
Hussain recited the Quran like this,
सिर गैर के आगे ना झुकाने वाला,
और नेजे पे भी कुरान सुनाने वाला,
इस्लाम से क्या पूछते हो कौन हुसैन,
हुसैन है इस्लाम को इस्लाम बनाने वाला,
The one who does not bow his head to the non,
And the one who recites the Qur’an on his own,
Who do you ask from Islam, Hussain?
Hussain is the one who converts Islam to Islam.
क्या जलवा कर्बला में दिखाया हुसैन ने,
सजदे में जा कर सिर कटाया हुसैन ने,
नेजे पे सिर था और ज़ुबान पे अय्याते,
कुरान इस तरह सुनाया हुसैन न,
Not only where I discussed Hussain,
Seeing something happened in the time of Hussain,
Sir, whoever buys the government,
Husain’s deal was costly to Yazid,
यूँ ही नहीं जहाँ में चर्चा हुसैन का,
कुछ देख के हुआ था ज़माना हुसैन का,
सर दे के जो जहाँ की हुकूमत खरीद ले
महंगा पड़ा यज़ीद को सौदा हुसैन का,
Not only where I discussed Hussain,
Seeing something happened in the time of Hussain,
Sir, whoever buys the government,
Husain’s deal was costly to Yazid,
खून से चरागएदीन जलाया हुसैन ने,
रस्मएवफ़ा को खूब निभाया हुसैन ने,
खुद को तो एक बूँद न मिल सका लेकिन
करबला को खून पिलाया हुसैन ने,
Has Hussain shown the flame in Karbala,
Hussein beheaded after going to prostration,
The head was on the nose and the words were on the tongue,
The Quran was recited like this, not Hussain.
mola hussain shayari
न हिला पाया वो रब की मैहर को,
भले जीत गया वो कायर जंग,
पर जो मौला के दर पर बैखोप शहीद हुआ,
वही था असली सच्चा पैगम्बर
He could not shake the mercy of the Lord.
Even if that cowardly battle was won,
But the one who was martyred at the rate of Maula,
He was the real true prophet
पानी का तलब हो तो एक काम किया कर,
कर्बला के नाम पर एक जाम पिया कर,
दी मुझको हुसैन इब्न अली ने ये नसीहत
जालिम हो मुकाबिल तो मेरा नाम लिया कर,
If you are in need of water, then do one thing,
After drinking a jam in the name of Karbala,
Hussein ibn Ali gave me this advice
If you are a bloodthirsty, you can take my name.
कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज़ है,
उस नवासे पर मुहम्मद को नाज़ है,
यूँ तो लाखों सिर झुके सज़दे में लेकिन
हुसैन ने वो सज़दा किया जिस पर खुदा को नाज़ है,
Karbala is proud of the emperor of Karbala,
Muhammad is proud of that Navas,
Although millions of heads bowed in punishment but
Hussein did the punishment on which God is proud,
वो जिसने अपने नाना का वादा वफ़ा कर दिया,
घर का घर सुपुर्दएखाक कर दिया,
नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम,
उस हुसैन इब्न अली को लाखों सलाम,
The one who kept his maternal grandfather’s promise,
The house was handed over to the house,
Who destroyed the jam of martyrdom,
Millions of salutes to that Hussein ibn Ali,