shayari rishte
खामोशी की जुबां बयां कर देती है,
सब कुछ,जब दिल का रिश्ता जुड़,
जाता है किसी से,
रूबरू होने की तो छोङिये,
लोग गूफ्तगू से भी कतराने लगे हैं,
गुरूर ओढे हैं रिश्ते,
अपनी हैसियत पर इतराने लगे है,
कुछ इस तरह खूबसूरत रिशते टूट जाया करते है,
जब दिल भर जाता है तो, लोग अक्सर,
रूठ जाया करते है,
छुपे-छुपे से रेहते हैं सरेआम नही होते,
कुछ रिशते सिर्फ अहसास हैं,
उनके नाम नही होते,
rishte jhoot bolne par shayari
रिश्तों की ही दुनिया में अक्सर ऐसा होता हैं,
दिल से इन्हें निभाने वाला ही रोता है,
झुकना पड़े तो झुक जाना अपनों के लिए
क्योकि हर रिश्ता एक नाजुक समझौता होता है,
किसी भी रिश्ते की सिलाई,
अगर भावनाओं से हुई हैं तो टूटना मुश्किल है,
और अगर स्वार्थ से हुई हैं तो टिकना मुश्किल है,
किसी को नजरों में ना बसाओ,
क्योकि नजरों में सिर्फ सपन बसते हैं,
बसाना ही हैं तो दिल में बसाओ,
क्योकि दिल में सिर्फ अपने बसते हैं,
अपने गमों की तू नुमाइश ना कर,
अपने नसीब की यूँ आजमाइश ना कर,
जो तेरा हैं वो ख़ुद तेरे दर पर चल के आएगा
रोज उसे पाने की ख्वाहिश ना कर,
मशहूर होना पर मगरूर न होना,
कामयाबी के नशे में चूर न होना,
मिल जाए सारी कायनात आपको
मगर इसके लिए कभी ‘अपनों’ से दूर न होना,
जितना जानता हु रिश्तो को
उतना बता रहा हूँ,
रिश्तों को निभाते निभाते
ज़रा-सा थका पड़ा हू,