safar me dhoop to hogi shayari
आरज़ू थी मिले हमसफ़र मुझे भी ज़िंदगी के सफर में
तलाश मेरी पूरी हुई जब ज़िंदगी ने मिलाया मुझे तुमसे इस सफर में
आज फिर तेरी यादों के सफर में खो गया
ना मंज़िल मिली ना सफर पूरा हुआ
हर गाम हादसा है ठहर जाइए जनाब
रस्ता अगर हो याद तो घर जाइए जनाब
दिन का सफर तो कट गया सरज के साथ साथ
अब शब की अंजुमन में बिखर जाइए जनाब
best safar me dhoop to hogi shayari
ज़िंदगी के सफर में किसी के साथ का क्या भरोसा
अकेले आये थे अकेले जाना है
हर गाम हादसा है ठहर जाइए जनाब
रस्ता अगर हो याद तो घर जाइए जनाब
दिन का सफ़र तो कट गया सूरज के साथ साथ
अब शब की अंजुमन में बिखर जाइए जनाब
दिल में बसी तुम्हारी तस्वीर
बस यही सोचती है हर पल
के इस शहर से उस शहर तक का सफर
कितना सुहाना हो गया है
safar me dhoop to hogi shayari in hindi
बस सफर हुआ था साथ में
मंजिल अलग थी दोनों की
कशमकश के इस सफर को छोड़ नहीं पाता हूं
हर मोड़ पे तुझे छोड़कर तुझमें ही मिल जाता हूं
तराश रहा हूं खुद को हर शब्द की नोक पर
बोलबच्चन से लेखक तक का सफर जो तय करना हैं
सफ़र जारी है सबका
तुम चलती साथ तो होतीं सब राहें आसान
मझधार में छोड़ कर तुमने सफर मुश्किल कर दिया