406+Best Travel Shayari In Hindi | भीड़ भाड़ से अलग खामोशी के नज़दीक हूँ मैं यहीं ठीक हूँ

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सैर कर दुनिया की गालिब, जिन्दगानी फिर कहा !!
जिन्दगानी गर रही तो, नौजवानी फिर कहा !!

न जाने कौन सा मंज़र नजर में रहता है !!
तमाम उम्र मुसाफ़िर सफ़र में रहता है !!

कुछ हासिल नहीं हुआ तो क्या हुआ !!
मुसाफिर थे हम, किसी चीज का हमें गम कहां !!

ज़िंदगी है मुख़्तसर आहिस्ता चल !!
कट ही जाएगा सफ़र आहिस्ता चल !!

मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी !!
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी !!

दुनिया-दुनिया सैर सफर थी शौक की राह तमाम हुई !!
इस बस्ती में सुबह हुई थी, इस बस्ती में शाम हुई !!

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निकला था घर से मंजिल की ओर !!
आज तक मालूम नहीं पड़ा कि अभी सफर कितना बाकी है !!

घूमना है मुझे सारा जहां, तुम्हें अपने साथ ले के !!
बनानी हैं बहुत सी यादें, हाथों में तुम्हारा हाथ ले के !!

इन अजनबी सी राहों में, जो तू मेरा हमसफ़र हो जाये !!
बीत जाए पल भर में ये वक़्त, और हसीन सफ़र हो जाये !!

अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं !!
रुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं !!

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