whatsapp shayari dp
तू अहसान कर फिर जता दे और बड़ा बन जा !!
मै बेकार था मुझे बेकार ही रहने दे जा तू खुदा बन जा !!
कल तक मुझे आज़ उनको मेरा ना होना खलता है !!
क्योंकि अब मुझे अकेलापन बड़ा अच्छा लगता है !!
एक तेरा ख्याल ही तो है मेरे पास !!
वरना कौन अकेले में बैठे कर चाय पीता है !!
खुद से ही बातें हो जाती हैं अब तो !!
लोग वैसे भी कहा सुनते हैं आज कल !!
क्या फर्क पड़ता हूँ अब कोई साथ हो या ना हो !!
क्योंकि की जीन्दगी तो अब अकेले में जीनी हैं !!
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जब भी टूटो अकेले में टूटना !!
कम्बख्त ये दुनिया तमाशा देखने में माहिर है !!
जिंदगी ने भी हमारे साथ कई खेल खेले हैं !!
सुख में तो पूरी महफिल थी पर दुःख में अकेले हैं !!
अकेला होकर भी अकेला नहीं हूँ मैं !!
कुछ यूँ सहारा दिया है तेरी यादो ने मुझे !!
दुखों का बोझ अब अकेले नहीं सम्भलता है !!
कहीं वो मिलती अगर तो उससे लिपट के रो लेते !!
बेखबर इस दुनिया से भटक रहे हम अकेले !!
ख्वाहिशें सब की पूरी कर रह गए हम अकेले !!