matlabi rishtedar shayari
किसी पर शक करके बर्बाद होने से अच्छा है !!
किसी पर यकीन करके बर्बाद जो जाओ !!
मौका मुझे भी मिलेगा मेरे भाई !!
और याद रखना घायल तू भी होगा !!
परख ना सकोगे ऐसी शख्सियत है मेरी !!
मैं अच्छा सिर्फ उन्हीं के लिए हूँ, जो जाने कदर मेरी !!
बाप का अभी पैसा है तो घमंड है इसलिये !!
खुद का पैसा कमा घमण्ड भी कुछ सीखा देगा !!
गाली तो हम देते नही !!
अगर दी है तो You Deserve it !!
matlabi shayari
कोई भी हमें पहचान नहीं पाया !!
कुछ अंधे थे कुछ अँधेरे में थे !!
इज्जत कम हो जाये चाहे या शान कम हो जाये !!
मगर इंसान का घमंड कम नही होना चाहये !!
आग लगा देंगे उस महफ़िल में !!
जहाँ बगावत हमारे खिलाफ होगी !!
बहुत मुश्किल होता है, घमंड से घमंड को मिटाना !!
ख़ुद को अक्सर मिटाना पड़ता है, ख़ुद को पाने के लिए !!
वक्त और किस्मत पर कभी घमंड ना करो !!
सुबह उनकी भी होती है जिन्हे कोई याद नही करता !!