Bewafa ladki shayari
बेवफा से अब मै दिल्लगी नहीं करता,
मै अब किसी से मोहब्बत नहीं करता,
जो चली गई मुझे छोड़कर बीच सफर मै
मै भी अब उसे याद नहीं करता,
मैने उसे जान से ज्यादा चाहा था,
उसे अपना खुदा माना था
क्या कमी रह गई मेरे प्यार मै,
जो उसने किसी ओर का हाथ थामा था,
कुछ रिश्ते अलग हुआ करते है,
कुछ लोग अलग हुआ करता है,
मै ही नहीं समझ पाया उसके धोके को
क्युकी वो शराफत का नकाब पहना करते है,
किसी से शिकायत कर नहीं सकता,
मै उसे भुला भी नहीं सकता,
उसने झूठ कहा था वो करती है मुझसे मोहब्बत,
मै तो उसे बेवफा भी कह नहीं सकता,
अब मै उसे भूल चुका हूं,
अब उस बेवफा को याद नहीं करता
जो कभी था ही नहीं मेरा
मै भी अं उसे अपना मही कहता,
उसकी बेवफाई अब पूरे शहर में मशहूर हो गई,
वो अब मुझसे दूर हो गई,
उसने तो नहीं कि थी मुझसे मोहब्बत
पर वो अब किसी ओर की हो गई,
कुछ मजबूरी तो उसकी भी रही होगी,
मुझे छोड़ने की कुछ वजह रही होगी,
मै कैसे कह दू उसे बेवफा
उसे भी मुझसे मोहब्बत रही होगी,
मेरी तो सांसे भी उससे चलती थी,
मेरे तो दिन रात भी उसमे ढलते थे,
वो जब से गई है मुझे छोड़कर
किसी ओर के लिए सारे रिश्ते नाते तोड़कर
तब से मेरा जीना मुश्किल हो गया है,
मुझे अब मरना भी दुश्वार हो गया है,
जिंदगी के सफर मै सब कुछ देख लिया,
मैने उसका धोका भी देख लिया,
अब क्या किसी से मोहब्बत करू
मैने तो अब बेवफा भी देख लिया,
इतनी आसानी से वो मुझे छोड़कर चली गई,
सारे इश्क के बंधन एक पल मै तोड़कर चली गई,
मै अब रहा नहीं उसका ये उसने कहा,
वो खुद थी बेवफा ओर मुझे बेवफा,
कहकर चली गई,