matlabi dost ke liye shayari
घमंड में हस्तियाँ और तूफान में कश्तियाँ !!
अक्सर डूब जाया करती हैं जनाब !!
ज़रूरत तोड़ देती हैं इंसान के घमंड को !!
अगर न होती मजबूरी तो हर बंदा खुदा होता !!
घमंड न कर बंदे अपने वक़्त का !!
क्योंकि बदलता है ये हर शख्स का !!
टूट ही जाता है यक़ीन प्यार में साथी पर !!
कितना करोगी घमंड अपनी खूबसूरती पर !!
कितनी अकड़ है आप मे !!
हमें मार सके इतना दम नही है !!
किसी के बाप में !!
बारिश को होता है यकीन पानी की बूंद पर !!
भरोसा रखना मगर घमंड ना करना खुद पर !!
shayari matlabi
वक्त तो सबका बदलता रहता है !!
इस पर घमण्ड क्या करना कुर्सी तो वही रहेगी !!
बस आने जाने वाले लगे रहेंगे !!
जिनमें कुछ नहीं होता है ना !!
उनमें घमंड बहुत होता है !!
अगर रिश्तों को निभाना है तो झुकना सीखो !!
क्योंकि इंसान अकड़ता तो मरने के बाद है !!
मत कर इतना घमंड बहुत पछताएगा !!
एक दिन खुद ही अपनी नजरो में गिर जाएगा !!