alfaaz sad shayari
अलफ़ाज़ गिरा देते हैं जज़्बात की क़ीमत !!
हर बात को अलफ़ाज़ में तोला न करो !!
मत लगाओ बोली अपने अल्फ़ाज़ों की !!
हमने लिखना शुरू किया तो तुम नीलाम हो जाओगे !!
खता हो जाती है जज़्बात के साथ प्यार !!
उनका याद आता है हर बात के साथ खता !!
कुछ नहीं बस प्यार किया है उनका प्यार !!
याद आता है हर अलफ़ाज़ के साथ !!
सभी तारीफ करते हैं मेरी शायरी की लेकिन !!
कभी कोई सुनता नहीं मेरे अल्फाज़ो की सिसकियाँ !!
चंद अल्फ़ाज़ के मोती हैं मेरे दामन में !!
है मगर तेरी मोहब्बत का तक़ाज़ा कुछ और !!
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कुछ अल्फाज के सिलसिले से बनती है शायरी !!
और कुछ चेहरे अपने आप में पूरी गजल होते हैं !!
खामोशी को चुना है अब बाकी है सफर के लिए !!
अब अल्फाजोंको जाया करना हमें अच्छा नहीं लगता !!
अधूरे रहते हैं मेरे अल्फाज तेरे जिक्र के बिना !!
मेरी शायरी की रूह तो बस तु है !!
ये अलग बात कि अल्फ़ाज़ हैं मेरे लेकिन !!
सच तो बस ये है कि तेरी ही सदा है मुझ में !!
मेरे अल्फ़ाज ही है मेरे दर्द का मरहम !!
गर मैं शायर ना होता तो पागल होता !!