Bal Diwas Shayari In Hindi| बाल दिवस शायरी

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हर बच्चा एक कलाकार है
समस्या यह है कि एक बार
जब हम बड़े हो जाते हैं तो
कलाकार बने नहीं रहते

बचपन के दिन भी कितने सुहाने थे
आकाश के तारे ही हमारे खजाने थे
चाँद ही हमारा मामा था
ये दिल तो तितली का ही दीवाना था

बाल दिवस भाषण

बचपन में पूछते थे बड़े होकर क्या बनोगे
और हम डॉक्टर इंजीनियर बनते थे
काश आज फिर से कोई इक बार पूछ ले
हम फिर से बच्चे बनना चाहते है

बचपन के दिन आते है याद बहुत
वो माँ का आंचल और पापा का हाथ
दोस्तों की मचलती टोली और उनका साथ
आज जाओ बीते दिन करते है, फरियाद बहुत

बाल दिवस क्यों मनाया जाता है

जब थे दिन बचपन के
वो थे बहुत सुहाने पल
उदासी से न था नाता
गुस्सा तो कभी न था आता

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अचकन में फूल लगाते थे
हमेशा ही मुस्कुराते थे
बच्चों से प्यार जताते थे
चाचा नेहरू प्यारे थे

रोने की वजह ना थी
ना कोई हंसने का बहाना था
आखिर क्यों हो गए हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो वो हमारा बचपन का जमाना था

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सबके मन को भाते चाचा नेहरू
बच्चों को हँसाते चाचा नेहरू
दिल में भरा अनोखा प्यार
करते वो बच्चों को प्यार बेशुमार

आज का दिन है बच्चों का
कोमल मन का और कच्ची कलियों का
मन के सच्चे ये प्यारे बच्चे
चाचा नेहरु को हैं प्यारे बच्चे

balika diwas shayari

हमारे बचपन का वह दिन
मैं बहुत याद करता हूं
बचपन यूं ही गुजर जाता है
जब तक हमको उसका अहसास होता है
तब तक वह अतीत बन जाता है
बाल दिवस की शुभकामनाएं

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