kharchi festival
ना संघर्ष ना तकलीफें क्या है
मजा फिर जीने में तूफान भी थम
जाएगा जब लक्ष्य रहेगा सीने में !!
बिन बूंदो के बारिश का एहसास
कैसे होगा जूनून हो दिल में जिसके
वो हताश कैसे होगा कार्यक्रम के
इस रंग का मिज़ाज़ कैसा है बिन !
ताली के हमें यह एहसास कैसे होगा !!
तौड़ के हर एक पिंजरा उड़ चलो
आसमा की और चाहे लाख लगा
ले कोई बंदिशें! तौड़ दो हर एक
छोर करना है हर सपने को पूरा
बस थान लो एक बार हर मुश्किल
हल होगी जब इरादा होगा तुम्हारा कठोर!!
ये नन्हे फुल तब महकते हैं!
जब खुदा की नीली छत्रियां तनती हैं
इन नन्हे मुन्हे फरिश्तो क लिए
जोरदार तालियाँ तो बनती हैं!!
मुद्दत से आता हर दिन
ज़िन्दगी में नई उम्मीद जागे
आज का दिन बख्शे खुशियां आपको
नेक कामोंसे सबके नसीब जागे!!
कुछ परिंदे उड़ रहे हैं आँधियों
के सामने उनमें ताकत ना सही
पर होसला होगा ज़रूर इसी
तरह तक आगे बढ़ते रहे तो !
देखना तय समंदर तक एक
दिन फासला होगा ज़रूर !!
आओ आज मुश्किलों को हराते हैं!
चलो आज दिन भर मुस्कुराते हैं!!
वो आए घर में हमारे ख़ुदा की
क़ुदरत है कभी हम उन को कभी
अपने घर को देखते हैं !!
तुमको मिल सकता है मुझसे बेहतर तो!
हमको मिल सकता है तुमसे बेहतर
लेकिन तुम और हम ग़र मिल जाएं तो
कुछ और नहीं हो सकता इससे बेहतर!!
गिर गिर गिरके यारों मुझको खूब !
संभलना आता है जलकर बुझना
आता है बुझ कर जलना आता है
अपने ही किस्मत लिखता हूं खुद
अपने ही हाथों मुझको सारी महफिल
का अंदाज बदलना आता है !!