ladki ki bewafai shayari
ज़रा पूछे कोई उनसे
दोस्ती के माइने जानते है,
या सिर्फ धोखा देने को
वो दोस्ती मानते है,
दोस्तों की यारी देख ली
दुनिया की दिलदारीदेख ली,
भाई भाई कहते हैजरुरत में,
ऐसे दोस्तों की मक्कारीदेख ली,
मुझे दुखी देखकर वोखुश हो जाते है,
कभी हमने भी उनकेआंसू पूछे थे,
दोस्त बनाओ मगर थोड़ीदूरिया रखो,
नाचो और गाओ मगर थोड़ीदूरिया रखो
क्या पता आपको भी मेरी तरहधोखा मिले,
सबको गले लगाओ मगर थोड़ी,
दूरिया रखो,
मुझे पता नहीं की भगवान,
क्या करवाना चाहता है मुझसे,
पहले बेवफा लड़की से मिलाया,
उसके बाद बेवफा दोस्त से,
इस बात का गम नहीं की
तूने मुझे धोखा दिया
बल्कि गम तो इस बात का है,
मैंने तुझे बार बार मौका दिया,
बरसात को तो होना ही था
जिन्हे कभी गरज़ना भी नहीं आया
आज वो हमें आँखे दिखा रहे है,
अगर दोस्त चुनो तो उन्हें
एक बार परख ज़रूर लेना
एक दोस्त ही है जिनके साथ हम
सबसे ज्यादा वक़्त बिताते है
खुद को आईने में ,
कैसे देखते होंगे वो लोग
जो खुद धोकेबाज़ है और
धोखेबाजी से नफरत भी है,
अभी तो हमने दुनिया को
करीब से देखना शुरू किया था,
पर कुछ लोगो ने दगाबाजी कर दी,