ladki bewafa shayari
तेरी बेवफाई से टूट गए थे हम,
जिंदगी से रूठ गए थे हम,
जीने की कोई वजह बची नहीं अब ,
बस तेरी यादों के सहारे जी रहे है हम,
इन्तहा हो गयी इंतज़ार की,
आयी ना कुछ खबर मेरे यार की,
ये हमें है यकीन बेवफा वो नहीं,
फिर वजह क्या हुई इंतज़ार की,
मोहब्बत तब ही करो
जब उसे निभा सको
बाद में मजबूरियों का सहारा लेकर
किसी को छोड़ देना वफादारी
नहीं होती,
दोस्त बेशक एक हो,
लेकिन ऐसा हो,
जो अलफ़ाज़ से ज्यादा
ख़ामोशी को समझे,
जब भी करीब आता हूँ बताने के लिए,
जिंदगी दूर कर देती है सताने के लिए,
महफ़िलों की शान नं समझना मुझे
मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिए,
कितनी अजीब तुझसे यह जुदाई थी,
कि तुझे अलविदा भी ना कह सका,
तेरी सादगी में इतना फरेब था,
कि तुझे बेवफा भी ना कह सका,
मैंने भी किसी से प्यार किया था,
उनकी रहो में इंतजार किया था,
हमें क्या पता वो भूल ज्यांगे हमें
कसूर उनका नहीं मेरा ही था,
जो एक बेवफा से प्यार किया था,
प्यार करने का हुनर हमें नहीं आता,
इसलिए प्यार की बाज़ी हम हार गए,
हमारी ज़िन्दगी से उन्हें बहुत प्यार था,
शायद इसलिए हमे ज़िंदा ही मार गए
मैंने कुछ इस तरह से खुद को संभाला है,
तुझे भुलाने को दुनिया का भरम पाला है,
अब किसी से मुहब्बत मैं कर नहीं पाता,
इसी सांचे में एक बेंवफा ने मुझे ढाला है,